🔱 शिव आरती 🔱

ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
दो भुजा चार चतुर्भुजा, दशभुजा अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
श्वेतांबर पीतांबर, बाघंबर अंगे।
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
कर के मध्य कमंडलु, चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुःखहारी, जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
त्रिगुणस्वामी जी की आरति, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
हर हर महादेव!